जोधपुर, राजस्थान।
JNVU जोधपुर में दो दिन से राजनीति में भूचाल आया हुआ, ऐसा लग रहा हैं जैसे एक बड़े प्रदेश के विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। कल मंगलवार को JNVU में पहली बार दोनों राष्ट्रीय छात्र संगठनों (ABVP और NSUI) ने जाट प्रत्याशियों की घोषणा की, साधारणतया जोधपुर में ABVP लगभग राजपूत समाज से प्रत्याशी खड़ा करती हैं और कही बार चुनाव भी जीत चुकी हैं। वहीं NSUI लगभग हमेशा जाट समाज से ही प्रत्याशी का चयन करती हैं। लेकिन इस बार ABVP ने राजवीर सिंह बांता को खड़ा करके यूनिवर्सिटी की राजनीति की सरगर्मी काफी तेज कर दी।
मंगलवार शाम को NSUI भी पीछे नहीं रही और NSUI ने भी हरेंद्र चौधरी को अपना प्रत्याशी बना दिया। इस पूरे घटनाक्रम के बाद राजपूत समाज के छात्रों में रोष व्याप्त हो गया और राजपूत समाज से दावेदारी पेश करने वाले छात्रनेताओं ने 2019 को फिर से दोहराने की रणनीति बनाई, क्योंकि 2019 में रविन्द्र सिंह भाटी ने निर्दलीय चुनाव जीत कर JNVU का इतिहास बदल दिया। इसी को मध्यनजर रखते हुए मंगलवार रात में राजपूत समाज के छात्रावास में रविन्द्र सिंह भाटी के नेतृत्व में मीटिंग हुई, इस मीटिंग में तय किया गया कि इस बार भी 2019 की तरह राजपूत समाज से एक प्रत्याशी को खड़ा किया जाएगा और सभी दावेदार मिलकर 2019 को फिर से दोहरायेंगे।
आज बुधवार दोपहर बाद रविन्द्र सिंह भाटी ने अरविंद सिंह भाटी को समर्थन देते हुए निर्दलीय चुनाव लड़वाने का एलान कर दिया, तब JNVU की राजनीति में फिर से भुचाल आ गया। जोधपुर में एक बार फिर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया और चर्चा होने लगी कि क्या इस बार भी रविन्द्र सिंगय भाटी की तरह अरविंद सिंह भाटी चुनाव जीतकर 2019 का इतिहास दोहरायेंगे। लेकिन अभी तक मोती सिंह जोधा को लेकर संयम बना हुआ हैं, मोती सिंगग जोधा अगर निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर देते हैं, तब यह रणनीति असफल होने का चांस हो जाता हैं। अब देखना होगा कि क्या इस चुनाव में राजपूत समाज एकजुट होकर सिर्फ अरविंद सिंह भाटी को समर्थन देगा या फिर मोती सिंगग जोधा भी निर्दलीय चुनाव लड़ेंगें।
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