गणितज्ञ तुलछाराम जाखड़ (कम्प्यूटर बाबा) का जीवन परिचय

 



जीवन परिचय

नाम - तुलछाराम जाखड़

पिता का नाम - भंवराराम जाखड़

माता का नाम- केशर देवी

जन्म तिथि- 01 जनवरी 1944

उम्र- 78 वर्ष 

पता- लाम्पोलाई, मेड़ता सिटी (नागौर), राजस्थान

जाति- जाट

शैक्षणिक योग्यता- 4 

पत्नी का नाम- 

पुत्रों के नाम- ओमप्रकाश जाखड़ व चैनाराम जाखड़

पुत्रियों के नाम- पप्पू देवी व सन्तु देवी

संपर्क सूत्र- 9549063280, 9667212121


तुलछाराम जाखड़ (Tulchharam Jakhar) राजस्थान के नागौर जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं, उनके गांव का नाम लाम्पोलाई हैं, जो नागौर जिले की मेड़ता विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता हैं। तुलछाराम जाखड़ एक अद्भुत प्रतिमा के धनी हैं, उन्हें एक चलता फिरता कम्प्यूटर कहा जाता हैं, क्योंकि तुलछाराम जाखड़ एक सुपर कम्प्यूटर की तरह किसी भी गणना को सैकंडों में हल कर देते हैं। किसी भी बड़ी से बड़ी संख्या का पहाड़ा भी तुलछाराम जाखड़ की जुबान से ऐसे निकलता हैं, जैसे एक कम्प्यूटर इस पहाड़े की गणना कर रहा हो। कोई भी ऐसा नाप हो और कोई भी ऐसी गणना, लेकिन तुलछाराम जाखड़ के लिए यह महज़ सैकड़ों का खेल हैं। 


तुलछाराम जाखड़ (Tulchharam Jakhar) से आप कहें कि 865 का पहाड़ा बताइए, तो वो इस पहाड़े को ऐसे बोलेंगें जैसे आप 10 का पहाड़ा बोल रहे हो। तुलछाराम जाखड़ को आप कोई भी संख्या बोलते रहिए, आपके साथ-साथ वो इन सभी संख्याओं जोड़ देंगें, आप किसी भी संख्या का वर्गमूल, घनमूल इनसे करवा लीजिए। लगभग एक लाख तक कि किसी भी संख्या का आप पहाड़ा, वर्गमूल आप तुलछाराम जाखड़ की जुबानी सुन सकते हैं। इन्हीं सभी कारनामों की वजह से तुलछाराम जाखड़ को उनके क्षेत्र के लोग कम्प्यूटर और गणितज्ञ बुलाते है।


दूसरी ओर तुलछाराम जाखड़ (Tulchharam Jakhar) वर्तमान में 78 वर्ष के हो चुके हैं, इस उम्र में एक बुजुर्ग आदमी अपनी सामान्य यादाश्त भी भूल जाता हैं, लेकिन तुलछाराम जाखड़ का दिमाग आज भी उसी तेज तर्रार तरीके से काम कर रहा हैं। इसके अलावा तुलछाराम जाखड़ ने इसके लिए कोई विशेष ज्ञान हांसिल नहीं किया हैं, वो सिर्फ चौथी कक्षा तक पढ़े हुए हैं और आगे का जीवन उनका खेती में बीता हैं। आजीवन खेती करने से तुलछाराम जाखड़ का दिमाग सबसे ज्यादा खेतों के नापों में काम करता हैं। आस-पास के क्षेत्रों में जहां भी जटिल से जटिल खेत का नाप करना हो या विभाजन करना हो तो तुलछाराम जाखड़ ऐसे जटिल से जटिल खेतों के नाप भी एकदम सटीक मिनटों में कर देते हैं।


तुलछाराम जाखड़ (Tulchharam Jakhar) को कई मंचों पर सैंकड़ो बार सम्मानित भी किया जा चुका हैं। इनके कई वीडियो भी आपको सोशल मीडिया पर दिखाई दे जाएंगे, जिसमें एक बुजुर्ग व्यक्ति कम्प्यूटर के जैसे गणना करता हुआ दिखाई दे जाएगा। हालांकि यह सब सुनने और पढ़ने में अद्भुत लगता हैं, लेकिन इस अद्भुत दिव्य शक्ति को तुलछाराम जाखड़ साकार कर रहे हैं, जिसे आप वर्तमान में देख भी सकते हैं, चाहे आप वीडियो के जरिये इसे देखें या फिर आप चले आइए नागौर जिले के छोटे से गांव लाम्पोलाई।


जानकारी के अनुसार आजादी से पहले साल 1944 में तुलछाराम जाखड़ (Tulchharam Jakhar) का जन्म एक किसान परिवार में हुआ था, इनके पिता भंवराराम जाखड़ एक किसान थे। उस समय पढ़ाई लिखाई का ज़माना नहीं था, लेकिन इनके पास ही के गांव चावण्डिया के एक शिक्षक शंकर दास वैष्णव लाम्पोलाई गांव में वैदिक शिक्षा पढ़ाते थे और इन्हीं के पास नन्हा तुलछाराम जाखड़ पढ़ाई करता था। उस समय तुलछाराम जाखड़ सभी बच्चों में तेज तर्रार दिमाग वाला और गुरुजी के प्रश्नों का सबसे पहले जवाब देने वाला बच्चा था।


तुलछाराम जाखड़ (Tulchharam Jakhar) का दिमाग उस समय भी अद्भुत प्रतिमा का धनी था, वो सभी प्रश्नों का हल सेकेंडों में करते थे, लेकिन चौथी कक्षा के बाद आगे की पढ़ाई की व्यवस्था गांवों में उस समय नहीं थी। इसलिए तुलछाराम जाखड़ की पढ़ाई पर विराम लग गया। हालांकि इसके पीछे 2 कारण थे, जिनमें पहला था कि तुलछाराम जाखड़ के पिता उन्हें इकलौती सन्तान होने के कारण गांव से दूर नहीं भेजना चाहते थे। वहीं दूसरा कारण यह था कि तुलछाराम जाखड़ के दादा को किसी विद्वान पंडित ने कहा दिया था कि बालक का दिमाग काफी तेज तर्रार हैं और अगर इस बालक के सिर में चोट लग गई तो उनकी मृत्यु हो सकती हैं, इसलिए परिवार के सदस्य इससे भी डर गए थे, इन्हीं कारणों की वजह से तुलछाराम जाखड़ की शिक्षा पर विराम लग गया।


चौथी कक्षा पास करने के बाद तुलछाराम जाखड़ (Tulchharam Jakhar) 2 सालों तक गांव में ही बच्चों को पढ़ाते थे। तुलछाराम जाखड़ की उम्र जब 12 साल थी, उसी समय इनके पिता का देहांत हो गया, जिसके बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी इनकी मां केशर देवी और छोटे से बच्चे तुलछाराम जाखड़ के कंधों पर आ गई। तुलछाराम जाखड़ अपनी मां के साथ मिलकर खेती-किसानी का कार्य करने लग गए। खेती-किसानी का कार्य करने के कारण तुलछाराम जाखड़ खेतों के विभिन्न प्रकार के नाप-चोक भी सीख गए। आस-पास के क्षेत्रों में किसी भी किसान को नाप-चोक करवाना होता तो तुलछाराम जाखड़ सेकेण्डों में यह नाप चोक निःशुल्क कर देते थे।


कई गांवों में सालों-सालों तक खेतों को लेकर विवाद रहता हैं, ऐसे ही कई विवादों को तुलछाराम जाखड़ (Tulchharam Jakhar) ने बड़े ही आसान तरीके से सुलझाकर समाज में सामाजिक सद्भाव भी पैदा किया हैं। तुलछाराम जाखड़ को विभिन्न मंचों पर सम्मानित भी किया जा चुका हैं, उनके पास सैंकड़ो पुरस्कार रखे हुए हैं। लेकिन इतना दिव्य ज्ञान होने के बाद भी ऐसी हस्ती आज छुपी हुई हैं, विश्व और देश स्तर पर इनका कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं हैं। सोचिये अगर तुलछाराम जाखड़ आगे तक पढ़ाई कर पाते तो यह नाम आज किसी बड़े वैज्ञानिक का होता हैं। 


तुलछाराम जाखड़ (Tulchharam Jakhar) को जिला स्तर और तहसील स्तर पर अनेकों बार सम्मान दिया गया हैं, लेकिन उनको आज तक राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कोई सम्मान नहीं मिला हैं, यह इस देश का दुर्भाग्य ही कहिए कि ऐसा टैलेंट आज भी एक छुपा हुआ टैलेंट बना हुआ हैं। आप खुद तुलछाराम जाखड़ से कॉल करके उनसे बात करके उनके वैदिक गणित के ज्ञान को परख सकते हैं, वो बकायदा आपका कॉल उठाकर आपके सवालों के जवाब भी देंगें। तुलछाराम जाखड़ के कई वीडियो भी यूट्यूब पर मिल जाते हैं, जिनमें भी आपको उनके वैदिक गणित के ज्ञान का अंदाजा लग सकता हैं।


पुरस्कार


1. 15 अगस्त 2011 को नागौर उप जिला कलेक्टर सुरेंद्र कुमार द्वारा सम्मानित

2. शक्ति एडुकेशन ट्रस्ट राजकोट द्वारा अंर्तराष्ट्रीय स्वर्णिम पुरस्कार से सम्मानित

3. 26 जनवरी 2022 गणतंत्र दिवस पर उप जिला कलेक्टर मेड़ता सिटी द्वारा प्रशंसा पत्र

4. गणतंत्र दिवस 2016 को जिला प्रशासन नागौर द्वारा प्रशस्ति पत्र

5. स्वतंत्रता दिवस 2015 को कार्यालय उपखंड अधिकारी रियांबड़ी नागौर द्वारा प्रशंसा पत्र



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