हनुमान सांई हत्याकांड को आज एक साल हुआ पूरा, मच गया था कोहराम, जाने क्या हुआ था उस दिन

लोहावट, जोधपुर। जोधपुर जिले का बहुचर्चित सामराऊं हत्याकांड तो आपको याद ही होगा। इस कांड ने राजस्थान को हिला कर रख दिया था। आज इस कांड को पूरे एक साल हो गया हैं। आज ही के दिन 14 जनवरी 2018 को सामराऊं में हनुमान सांई की निर्मम हत्या की गई थी। आज हनुमान सांई की प्रथम पुण्यतिथि पर भेड़ गांव में श्रद्धांजलि सभा रखी गई हैं, जहाँ हनुमान सांई के लिए मौन रखा जाएगा आइए अब हम आपको उस पूरे घटनाक्रम के बारे में बताते हैं।

हनुमान सांई को गाड़ियों से घेर कर इस तरह की थी निर्मम हत्या

14 जनवरी को हनुमान सांई की हत्या शाम 5 बजे के लगभग की गई थी। हनुमान साईं अपने घर से मकर संक्रांति का सामान लेने बाजार आया था। उसके इंतजार में उसके पास के गांव के लोग गाड़ियां लेकर उसका इंतजार कर रहे थे। हनुमान सांई की हत्या करने में करीब 25 लोगों का हाथ था, लेकिन मुख्य आरोपी लोड़ता निवासी कानसिंह था। कानसिंह के साथ दलपतसिंह, श्रवणसिंह, भेरूसिंह और सुरेंद्रसिंह थे। आरोपियों ने हर जगह एक-एक गाड़ी खड़ी कर रखी थी, ताकि हनुमान साईं बच कर न जा सकें। हर गाड़ी में बदमाश भरे हुए थे।

हनुमान साईं के पीछे एक गाड़ी लगाई तो हनुमान सांई जान बचाने के लिए वहाँ से भागा, लेकिन दूसरी गाड़ी वालों ने उसका पीछा शुरू कर दिया था। हनुमान साई को सभी गाड़ियों से घेर लिया गया और गाड़ियों से कुचलकर हनुमान सांई की निर्मम हत्या कर दी गई। इस हत्या के बाद गांव का माहौल गमगीन तो हुआ, साईं के परिवार में मकर संक्रांति के दिन मातम छा गया। हनुमान सांई अपने दो बच्चों सहित अपने परिवार को अलविदा कह चुके थे। लेकिन इस कांड ने हिंसक रूप धारण कर लिया था। 

हनुमान सांई हत्याकांड जाट Vs राजपूत बन गया था

इस हत्याकांड के बाद सामराउं गांव में सब जगह आगजनी हो गई थी। आक्रोशित ग्रामीणों ने आरोपियों की भी एक गाड़ी जला दी गई। आरोपियों में सभी राजपूत समाज से होने के कारण जाट समाज के लोग भी आक्रोशित हो गए थे। जिसके कारण यह लड़ाई राजपूत और जाटों के लिए एक सबब बन गई। 

गांव के बाजार जला दिए गए थे। आस-पास के गांवों के बाजार बंद हो गए थे। पूरे गांव में रात भर अंधेरा रहा, लेकिन आग की लपटें पूरी रात जलती रही। जोधपुर सहित नागौर, बीकानेर और जैसलमेर से लोग सामराउं गांव आने लगे। इसके बाद यह लड़ाई राजनीतिक बन गई। राजपूत और जाट नेताओं ने इस लड़ाई में बढ़चढ़कर भाग लेना शुरू कर दिया।

करणी सेना राजपूत समाज के पक्ष में आ गई। करणीसेना के सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने सामराउं जाकर लोगों को भड़काने का भी काम किया था। पुलिस ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए आरोपियों को गिरफ्तार तो कर लिया गया। लेकिन लोगों का आक्रोश कम नहीं हुआ। 5-6 दिनों बाद जाकर इस गांव में कुछ हद तक शांति बनी।

राजपूत नेता और मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास रिश्वत देते दिखे थे, video हुआ था वायरल

इस मामले में वर्तमान राजस्थान सरकार के मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास पुलिस अधिकारियों को रिश्वत देते दिखाई दिए थे। इस घटना का एक video उस समय खूब वायरल हुआ था। 

शराब और ठेके को लेकर हुआ था विवाद

इस हत्याकांड के पीछे शराब को लेकर हुई रंजिश ही थी। हनुमान सांई और दलपत सिंह दोनों ही अपने-अपने गांवों में शराब का ठेका चलाते थे। इसलिए हनुमान सांई और दलपत सिंह दोनों के बीच अनबन थी। दलपत सिंह ने अपनी रंजिश निकालने के चक्कर मे हनुमान सांई की हत्या कर दी थी।


गांव में हनुमान सांई की बनाई गई हैं मूर्ति, आज हैं श्रद्धांजलि सभा

हनुमान सांई हत्याकांड के बाद सर्वसमाज के द्वारा उनके गांव भेड़ में हनुमान सांई की मूर्ति भी बनाई गई थी। आज उसी जगह हनुमान सांई की प्रथम पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया हैं। 


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