खींवसर विधानसभा सीट पर कल सोमवार को मतदान होने जा रहा हैं, यहाँ पर सीधा दो प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला हैं। एक ओर रालोपा और भाजपा के सयुंक्त उमीदवार नारायण बेनीवाल हैं, तो दूसरी कांग्रेस के कदावर नेता हरेन्द्र मिर्धा। दोनों ही प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं, लेकिन आज हम आपको इस सीट का चुनावी गणित बताने जा रहे है, आइये जानते हैं इस सीट पर क्या समीकरण बन रहे हैं और यहाँ पर वोटर को लेकर क्या समीकरण हैं।
जाने क्या है खींवसर सीट का गणित और समीकरण
खींवसर विधानसभा सीट नागौर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है, यह सीट 2008 में परिसीमन के बाद बनी थी। इस सीट पर अभी सिर्फ 3 चुनाव ही हुए हैं। इस सीट को ग्रामीण सीट के रूप में वर्गीकृत किया गया है। खींवसर में कुल 2 लाख 45 हजार 435 मतदाता हैं, जिसमें 1 लाख 28 हजार 372 पुरुष मतदाता और 1 लाख 17 हजार 63 महिला मतदाता हैं। यह सीट जाट बाहुल्य सीट हैं, इस सीट पर मुसलमान वोटर की संख्या भी काफी हैं, हालांकि इस सीट पर राजपूत और मूल ओबीसी वोटर्स भी निर्णायक भूमिका में हैं।
दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में खींवसर में 75.26% मतदान हुआ था वहीं 2013 में हुए चुनाव में यहां 77.06% मतदान हुआ था तो 2008 में यहां सिर्फ 67.3% मतदान हुआ था।इन तीनों चुनावों में हनुमान बेनीवाल ने यहां से जीत दर्ज की।
खींवसर सीट पर हुए 3 चुनावों पर एक नजर
2018 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां से हनुमान बेनीवाल ने खुद की पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के टिकट पर चुनाव लडा और कांग्रेस के सवाई सिंह चौधरी को 16 हजार 948 मतों से शिकस्त दी तो वहीं इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रामचंद्र उत्तरा तीसरे स्थान पर रहे।
2013 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां से हनुमान बेनीवाल ने निर्दलीय चुनाव लडा और बहुजन समाज पार्टी के दुर्ग सिंह को 23 हजार 20 मतोें से शिकस्त दी। इस चुनाव मे भाजपा प्रत्याशी भागीरथ तीसरे स्थान पर रहे तो वहीं कांग्रेस के राजेंद्र चौथे स्थान पर रहे।
वहीं 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां से हनुमान बेनीवाल ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लडा था और बहुजन समाज पार्टी के दुर्ग सिंह को 24 हजार 443 मतों से शिकस्त दी थी. इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सहदेव चौधरी तीसरे स्थान पर रहे थे।
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